चुत के साथ बिस्तर की भी चुदाई

हाई दोस्तों,



ये कहानी कुछ तीन साल पुराणी हाई, जब मेने पहली बार सुनीता को पेला था | अब मैं कुछ आपको उसके बारे में बता देता हूँ | वो भी मेरी उम्र की थी उस समय और उसका छावा भी था | उसका छावा दिन के समय काम पे जादा था जिसके कारण हम दोनों में दोस्ती हो गयी | उसके जिस्म में सबसे मस्त चीज उसके चुचे थे, फिर उसकी जांघे, फिर उसकी चुत | उसकी जांघे काफी भरी थी मगर वो मोटी नहीं थी | वो ऐसी लकड़ी थी जिसे आप कुतिया बना के पेलना पसंद करोगे | उसकी पीछे से मारने में जादा मज़ा आएगा | उसे कुतिया बना के पेलने मैं बहुत मज़ा आता हैं | उसके बाल उनसके कंधे ताक थे | नरम नरम से होठ थे उसके | एक दिन में उसे खाने पे बहार लेके गया, हम करीब एक हफ्ते से हर दिन बहार घूमने जाते थे और मुझे पता था की वो मुझे पसंद करती थी | खाने के बाद हम दोनों मेरे कमरे में आ गए | वो वह आराम से आ सकती थी क्युकी वह लडकियो के लिए कोई रोक टोक नहीं था | वो इससे पहले काफी बार अपने छावे के साथ आ चुकी थी | उसका छावा और मैं दोस्त थे |



मैं सुनीता को उसके छावे के कारण ही जान पाया था | उसदिन वो कलि रंग की जींस जो की उसके जांघों के साथ एक दम चिपकी हुई थी | और उसने उपर एक टी शर्ट डाल रखी थी, उसकी ब्रा टाईट नहीं थी जसके कारण उसके चेंडू लताक्राहे थे | उपरसे उसने जैकेट पेहें रखा था क्युकी सर्दी का मोसुम था | वो मेरे बिस्तर पे बैठी हुई थी और में उसके सामने कुर्सी पे बैठा हुआ था | में अपने आप को बिलकुल भी नहीं रोक प् रहा था और मैं उसके चेंडू को गहरे जा रहा था, और उसे भी पता था की मैं क्या देख रहा हू मगर उसने अपने चुचो को छुपाया नहीं | बल्कि ये देख वो थोड़ी सी पीछे को हुई और अपने दोनों हाथो के सहारे बैठ गयी |



कुछ देर बात करने के बाद हम दोनों के बिच में कुछ गिरा तो में उसे उठाने के लिए झुक गया और फिर निचे ही बेथ गया, में इस प्रकार बैठा था की उसकी चुत बिकुल मेरे मुह के पास थी | फिर कुछ देर बाद उसने अपनी टाँगे खोल दी और अपनी चुत के हिस्से को दिखाने लगी | शायद वो चाहती थी की वो मेरे सर को पकड़ के अपनी चुत में घुसा दे | जेसे जेसे हम बाते करते रहे, मैं देख रहा था की उसकी तबियत अजीब सी होते जा रही थी और वो बिउल भी होश में नहीं थी | शायद वो कुछ मस्ती के मूड में थी | यह देख मैं उठा और उसके बाई गाल पे किस किया और फिर दाई तरफ | वो मेरे होठो को देख के मुस्कुराने लगी | हम दोनों के चेहरे काफी करीब थे | मेने अपने होठो को उसके होठो पे रख दिया और चूसने लगा |उसने भी मेरा साथ दिया फिर मेने अपनी जीभ उसके होठो के अंदर डाल दी और उसके जीभ को अपने जीभ से छु दिया |



मेने अपना एक हाथ उसके एक चुचे पे रख दिया और उसे मसलने लगा, फिर उसने अपना एक हाथ मेरे हाथ पे रख दिया और अपने चुचो को और कास के मसलने लगी मेरे हाथ के द्वारा | तब मुझे लगा की इसको और कास कास के चाहिए | मुझे तो पहले से पता था की ये अपने छावे से चुदती हैं तो फिर इसके साथ इतने आराम से रह कर कोई फ़ायदा नहीं | उसे जंगलियो की तरह चुदना था | मेने उसका जाकेट उतर दिया, और फिर मेने अपना एक हाथ उसकी चुत के उपर रखा और रगड़ने लगा | पहले तो उसने अपने दोनों पेरो को एक दूसरे से कास क्र दबाया और फिर वो सिसकिय भरने लगी | फिर उसने कुछ देर के बाद अपनी दोनों टांगो को इस तरह खोल दिया जेसे वो मुझे बुला रही हो की आजा मुझे चोद दे |



मैं उसकी जींस उतरने लगा और वो मेरे उभरे हुए लंड को देखती रही | वेसे मेरा लंड भी बेताब था बहार आने को | उसने फिर अपनी ऊँगली से मेरे लंड को नापा और फिर मुझे दकेह के मुस्कुराने लगी | मेने तब ताक उसकी जींस उतर दी थी | अब मुझे उसकी पेंटी नज़र आ रही थी | उसने पेंटी पहनी थी या फिर कोई धागा पता नहीं | उसकी पेंटी एक दम रस्सी जेसी थी, चुत के ऊपर थोड़ी फैली हुई थी और जेसे पीछे की तरफ जा रही थी वेसे वेसे वो पतली हो गयी थी | बोले तो गांड में उसके सिर्फ एक धागा था बस और कुछ नहीं | फिर वो बिस्तर पे लेट गयी | उसकी जांघों को देख के मैं पागल सा हो गया, अब उसकी चुत की भी बारी थी | वो उठी और फिर उसने मेरी बेल्ट खोली और फिर मेरी जींस भी उतार दी, उसको इस काम की आदत थी सो उसने एक ही साथ में मेरी जींस के साथ मेरी चड्डी भी उतार दी | कुछ ही पल में मैं एक दम नंगा हो गया | उसने मेरे कड़क लंड को अपने हाथो में लेके निचोड़ने लगी |



मैं अह्ह्ह्ह्ह किया दर्द के मारे | उसने मेरे होठो पे किस किया और फिर निचे को चली गई मेरे लंड के पास | वो मेरे लंड को मसाले जा रही थी उसने मेरी तरफ देखा और अप मुह खोल दिया और फिर मेरे लंड को अंदर ले ली | उसका मुह मेरे लंड से एक दम भर गया हा | उसने मेरे लंड पे अपना जीभ फेरा और फिर अपने मुह को आगे पीछे करने लगी | वो एक तरफ मेरे लंड को चाट रही थी चूस रही थी और अपनी आँखों को मेरी तरफ रखी हुई थी | मैं अपने आप को रोक ही अनहि प् रहा था और मेरे मुह से आःह की आवाजे निकलने लगी थी, वो एक तरफ मेरे लंड को मुह में लिए चुसे जा रही थी और उसने फिर दूसरी तरफ अपनी चुत को भी मसलना शुरू कर दिया | उस पल में ये सोच रहा था की काश कितना अच्चा होता कोई पीछे से आके उसके चुत में देता | इतना सोचा ही था की मेरा माल उसके मुह में ही निकल गया और उसने मेरे लंड को बहार निकले बिना ही मेरे माल को अंदर ले ली और चुस्ती रही मेरे लंड को | कोई और उसे देखता तो किसी को पता ही नहीं चलता की में बिच में झडा भी था |



उसके चूसने के कारण मेरा कुछ ही पल में फिरसे खड़ा हो गया | और वो काफी खुश दिख रहित ही की मेरा लंड अब ताक खड़ा हैं | मेने उसको उसके बालो को पकड़ा क्र अपनी तरफ खीचा और उसे बिस्तर पे लेटा दिया और उसकी चड्डी कस के खीच दी, उसकी पेंटी उतरी तो नहीं मगर फट गयी | उसकी पेंटी तो वो और खुश नज़र आई | मेने उसके दोनों पेरो को खोल दिया और अपने कंधो पे ले लिया और निचे झुक के उसकी चुत की तरफ बड़ा | वह क्या चुत थी एक दम रसीली, उसमे से पानी अब भी टपक रहा था | मज़ा आ गया उसकी चुत को देख के | मेने उसकी चुत पे थूका और अच्छे से फेला दिया और फिर मेने उसकी चुत को अच्छे से चाट चाट के साफ़ कर दिया | मगर उसकी चुत से पानी अब भी टपक रहा था | मेने अपने लंड को उसकी चुत के छेद के सामने रखा और टिका दिया उसकी छेद पे | मेरा लंड वेसे ही पहले से उसके थूक से गीला था, लंड छेद पे रखते ही अंदर घुस गया | उसकी दोनों टंगे उपर हवा में थे जब मेरा लंड उसकी चुत की गहराई में घुसते थे | मेने उसकी चुत की जमके चुदाई की जितना में कर सकता था क्युकी मेरा पहले से एक बार निकल चूका था तो इस बार देर से ही निकलेगा |



उसने बिस्तर के कोनों को पकड़ रखा था, और बिस्तर की तो माँ चुद गयी थी, इतनी बुरी तरह हिल रहा था वो | उसकी मेने कम से कम एक घंटे ताक रख रख के चुदाई की और फिर निकलने लगा तो उसने कहा के उसके चुचो पे गिरा दू | सो मेने अपना माल उसके चुचो पे गिरा दिया, उसने मेरे माल को चुचो के उपर से ही चाट चाट के साफ़ किया और फिर मेरे लंड को भी साफ़ किया | हम कुछ देर वेसे ही बैठे रहे और फिर मेने उसे बोला की जल्दी से कपडे पेहेन लो इसे पहले की कोई आ जाये | जेसे ही हम निकलने वाले थे, मनी उसको फिर से खीचा और दिवार से सता दिया और उसके होठो को चूमने लगा और उसने मेरे लंड के उपर हाथ रख दिया और उसे मसलने लगी | यह चल ही रहा था की मेरा एक दोस्त आ गया, उसने दरवाजा खोलने की कोशिः की मगर खुला नहीं क्युकी उसके पीछे हम थे | हम दोनों ने जल्दी से अपने को ठीक किया और फिर निकलने लगे | मेरा दोस्त मुझे मस्ती भरी नजरो से देखते हुए मुस्कुराया | इसके बाद में उसे उसके घर ताक छोड के आया | इसके बाद हमको जब भी मोका मिलता गजब की चुदाई करते हम | और यह बात हम आज ताक छुपाते आये उसके छावे से और अपने दोस्तों से |